राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अंगदान भारतीय संस्कृति का सर्वोच्च आदर्श है और पीड़ित मानवता की सेवा करता है। उन्होंने तीसरे राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर देहदान का संकल्प लिया। उन्होंने जनता से इस अभियान में शामिल होने की अपील की। इस अवसर पर डॉक्टरों और अंगदान करने वालों के परिवारों को सम्मानित किया गया।
मुख्य अंश:-
- राज्यपाल ने देहदान का संकल्प लिया |
- अंगदान अभियान में शामिल होने की अपील |
- दान करने वाले परिवारों का सम्मान |
पटना। यदि मृत्यु के बाद हमारा नश्वर शरीर किसी के जीवन को रोशन करता है, तो यह पीड़ित मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। अंगदान भारतीय संस्कृति का सर्वोच्च आदर्श है। हमें ऐसी मानसिकता विकसित करनी चाहिए जो हमें दूसरों के दर्द को महसूस करने की अनुमति दे। ये शब्द राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहे।
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में दधीचि देहदान समिति द्वारा आयोजित संकल्प सह सम्मान एवं राज्य सम्मेलन के उद्घाटन के बाद उन्होंने तृतीय राष्ट्रीय अंगदान दिवस और ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर ये बात कही। इस अवसर पर उन्होंने अंगदान का संकल्प लेकर समाज के लिए एक मिसाल कायम की। इसके साथ ही उन्होंने देहदान प्रपत्र पर हस्ताक्षर भी किए।
समारोह के दौरान, राज्यपाल ने समाज के सभी लोगों को अंगदान अभियान से जोड़ने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने अंगदान करने वाले चिकित्सकों और उनके परिजनों को भी सम्मानित किया। बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति और आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार ने कहा कि नेत्रदान और अंगदान अभियान में बिहार को दक्षिणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए, सिक्किम और मेघालय के पूर्व राज्यपाल और समिति के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने जनता से आग्रह किया कि वे मृत्यु को जीवन का अंत न समझें। नेत्रदान और अंगदान के बाद भी, उनकी आँखें देख सकती हैं और उनका दिल धड़क सकता है।
मेडिकल कॉलेजों में सलाहकार नियुक्त किए जाएँ
पद्मश्री से सम्मानित महासचिव बिमल जैन ने समिति की अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में सलाहकार नियुक्त किए जाने चाहिए और नेत्र बैंक सेवा चौबीसों घंटे उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि समिति के प्रयासों से अब तक 1,600 से ज़्यादा कॉर्निया दान किए जा चुके हैं, जिनमें स्वैच्छिक नेत्रदान की संख्या काफ़ी ज़्यादा है।
भाजपा सांसद डॉ. संजीव चौरसिया ने लोगों से मृत्यु के बाद दूसरा अंगदान करने के लिए अंगदान करने का आग्रह किया। बिहार राज्य अंग प्रत्यारोपण संगठन (सोटो) के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने सोटो पंजीकरण प्रणाली की जानकारी दी। डॉ. सत्यजीत सिंह ने लिवर और किडनी प्रत्यारोपण के बारे में विशेष जानकारी दी।
समिति के उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष प्रसाद ने उपस्थित प्रतिनिधियों को नेत्र और अंगदान का सामूहिक संकल्प दिलाया। इस अवसर पर त्रैमासिक ई-न्यूज़लेटर 'दधीचि दर्पण' का भी शुभारंभ किया गया।
Social Plugin