भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कर्नाटक के कारवार स्थित कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। RBI ने यह कदम बैंक की लगातार बिगड़ती वित्तीय स्थिति और भविष्य में लाभ की कम संभावनाओं को देखते हुए उठाया.
Karwar Urban Co-operative Bank: जब कोई बैंक बंद होता है, तो सबसे पहला असर उन लोगों पर पड़ता है जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई उसमें जमा की थी। कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होने की खबर ने कर्नाटक के हज़ारों खाताधारकों को चिंता में डाल दिया है। अब जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है, तो लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है: क्या हमारी जमा पूंजी सुरक्षित है?
क्या लोगों का पैसा डूब जाएगा?
बुधवार, 23 जुलाई, 2025 को, RBI ने कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। RBI ने बैंक की वित्तीय स्थिति खराब होने और भविष्य में लाभ की कोई ठोस संभावना न होने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। परिणामस्वरूप, बैंक अब कोई भी बैंकिंग कार्य नहीं कर पाएगा। हालाँकि, RBI ने यह भी स्पष्ट किया कि लगभग 92.9% बैंक खाताधारकों को उनकी पूरी जमा राशि वापस मिल जाएगी, लेकिन यह राहत केवल 5,00,000 रुपये तक सीमित है। अब तक, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) द्वारा खाताधारकों को 37.79 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं।
जनता में भय का माहौल
कारवार निवासी 62 वर्षीय लक्ष्मी देवी कहती हैं कि हमने अपनी शादी और बच्चों के इलाज के लिए पैसे जमा किए थे। अब, डर है कि कहीं सब कुछ खत्म न हो जाए। इस बीच, स्थानीय व्यापारी रमेश ने कहा कि उन्हें बैंक पर भरोसा था और अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। RBI ने जनहित में यह फैसला लिया है, ताकि खाताधारकों को और नुकसान न हो। इसके अलावा, कर्नाटक सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि छोटे शहरों में चल रहे सहकारी बैंकों की निगरानी और पारदर्शिता कितनी मज़बूत है। आम लोगों को अब यह समझने की ज़रूरत है कि बैंक चुनते समय, न केवल निकटता या सुविधा, बल्कि उसकी वित्तीय स्थिति और पिछले रिकॉर्ड पर भी विचार करना ज़रूरी है। फ़िलहाल, RBI और DICGC द्वारा राहत प्रक्रिया चल रही है, लेकिन करवार के लोगों के लिए, यह सिर्फ़ एक बैंक का बंद होना नहीं है—यह उनके सपनों, योजनाओं और आत्मविश्वास पर गहरा आघात है।
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