कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति आधारित राष्ट्रीय जनगणना की अपनी मांग दोहराई और कहा कि वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब दलित और कमजोर वर्ग के लोग भारत के सभी संस्थानों में प्रमुख पदों पर आसीन होंगे।
पटना/बिहार न्यूज प्रिंट। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति आधारित राष्ट्रीय जनगणना की अपनी मांग दोहराई और कहा कि वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब दलित और कमजोर वर्ग के लोग भारत के सभी संस्थानों में प्रमुख पदों पर आसीन होंगे। स्वतंत्रता सेनानी और दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में अपने भाषण में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संविधान के खिलाफ हैं, क्योंकि यह दलितों और वंचितों को अधिकारों की गारंटी देता है।
उन्होंने कहा, "देश की वर्तमान सत्ता प्रणाली और संस्थाओं में दलितों और वंचितों की कोई भागीदारी नहीं है... दलितों, अल्पसंख्यकों और समाज के कमजोर वर्गों की सही संख्या जानने के लिए अखिल भारतीय जाति जनगणना की आवश्यकता है।" लोकसभा में विपक्ष के नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालने के बाद बुधवार सुबह पटना पहुंचे। राहुल ने कहा, "मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब दलित और कमजोर वर्ग देश के सभी संस्थानों में नेतृत्वकारी पदों पर होंगे... और मैं दलितों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।"
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आपके (दलित) इतिहास का कोई उल्लेख नहीं है। क्या देश में दलित शिक्षक परीक्षाएं तैयार कर रहे हैं? उद्योग जगत की बात करें तो नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 25 सबसे अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया... यह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का पैसा है।
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