तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव भी जीतने का फैसला किया | मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने विरोधियों की नींद उड़ा दी है |
भोपाल / नयी दिल्ली | तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव भी जीतने का फैसला किया | मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने विरोधियों की नींद उड़ा दी है |
अब उन्हें (विपक्ष को) तीन राज्यों की हार का दुख कम हो सकता है, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव की ज्यादा चिंता होनी चाहिए| खासकर अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को बीजेपी के फैसले से झटका लगा होग | .
यूपी और बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गयी
मध्य प्रदेश के नए सीएम के तौर पर मोहन यादव के नाम का ऐलान कर बीजेपी ने संकेत दे दिया है कि वह लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटरों का वोट खिसकने नहीं देगी. मोहन यादव को सीएम बनाने के बीजेपी के फैसले से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी और बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राजद का वोट मार्जिन हमेशा लगभग तय रहता है. माना जा रहा है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश में यादव कार्ड खेलकर दोनों राज्यों में यादव वोट बैंक पर सेंध लगाने का फैसला किया है |
यह हैं लोकसभा चुनाव की रणनीति का अहम हिस्सा
मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही थी, लेकिन मोहन यादव का जिक्र नहीं था. बीजेपी ने उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी देकर सभी को चौंका दिया. राजनितिक विश्लेषक बीजेपी के इस फैसले को पूरी तरह से लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर मान रहे है | अगर बीजेपी चाहती तो मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के साथ आगे बढ़ सकती थी. लेकिन उन्हें हटाकर मोहन यादव को चुनना लोकसभा चुनाव की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है |
बीजेपी का फोकस अब सीधे यूपी पर
बीजेपी के बारे में एक कहावत है कि पार्टी चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती. यूपी की बात करें तो पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था | इस जीत के साथ ही पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. क्योंकि यादव बहुल इलाकों में समाजवादी पार्टी ने दमदार प्रदर्शन किया है | इसके लिए बीजेपी यादव (ओबीसी) वोट बैंक को अनलॉक करने में जुटी है. यूपी की जीत बीजेपी के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि यह राज्य लोकसभा में 80 सांसद भेजता है |
यादव वोट बैंक पर भाजपा की नजर.
चुनावी जानकारों के मुताबिक मोहन यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने यूपी के यादव वोट बैंक को अपनी ओर खींचने का काम किया है. इसका असर लोकसभा चुनाव में जरूर देखने को मिल सकता है | यूपी के हिसाब से बीजेपी का यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि यूपी की 24 करोड़ आबादी में यादवों की हिस्सेदारी करीब 9 से 10 फीसदी है भाजपा हमेशा से यह दावा करती रही है कि युवा लोग सपा छोड़ रहे हैं क्योंकि वे सपा की जाति की राजनीति को स्वीकार नहीं करते हैं। अब इस फैसले से उम्मीद है कि बीजेपी यादवों के बीच आकर्षण पैदा करने में जरूर कामयाब होगी |
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