कांग्रेस आलाकमान ने भक्त चरण दास को हटाकर मोहन प्रकाश को बिहार कमान की जिम्मेदारी सौंप दी | मोहन प्रकाश के लिए बिहार की राह आसान नहीं है |
पटना । कांग्रेस आलाकमान ने भक्त चरण दास को हटाकर मोहन प्रकाश को बिहार कमान की जिम्मेदारी सौंप दी | मोहन प्रकाश के लिए बिहार की राह आसान नहीं है | माना जा रहा है कि उन्हें बिहार में संगठनात्मक और चुनाव जिताऊ पारी तो खेलनी ही होगी, गठबंधन में मजबूत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए न सिर्फ रक्षात्मक बल्कि आक्रामक पारी भी दिखानी होगी |
बिहार में कांग्रेस भले ही लगातार अपनी खोई जमीन तलाशने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य की कमान संभाले हुए एक साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी का गठन तक नहीं हो सका है|
इससे पहले गुटबाजी और विरोध के कारण मदन मोहन झा भी प्रदेश कमेटी का गठन नहीं कर पाये थे. ऐसे में मोहन प्रकाश के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन स्तर पर गुटबाजी खत्म कर प्रदेश कमेटी बनाने की होगी. इस कमेटी के जरिए उन्हें न सिर्फ क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना होगा, बल्कि नए और पुराने चेहरों में सामंजस्य बिठाकर यह साबित भी करना होगा कि कमेटी निर्विवाद है|
माना जा रहा है कि नए कांग्रेस प्रभारी को बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल राजद और जदयू के साथ सामंजस्य बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन प्रकाश के सामने यह सुनिश्चित करने की चुनौती जरूर होगी कि कांग्रेस को उसका वाजिब हक मिले. गठबंधन । हाल के महीनों में कांग्रेस ने कैबिनेट विस्तार और अपने कोटे से दो और मंत्रियों की नियुक्ति की मांग की है, लेकिन अब तक यह मांग पूरी नहीं हुई है |
मोहन प्रकाश पर कांग्रेस की खोई जमीन वापस पाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है. बिहार की पुरानी धरती ऊंची जातियों, दलितों और मुसलमानों से बनी है, लेकिन आज यह पूर्ववर्ती कांग्रेस का वोट बैंक बिखर गया है. ऐसे में इस वोट बैंक को वापस कांग्रेस के पाले में लाना जिम्मेदार कांग्रेस के लिए बड़ी जिम्मेदारी है
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