बिहार के बक्सर जनपद में थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किसानों का प्रदर्शन उग्र हो चला है।बुधवार की सुबह ग्रामीण लाठी डंडे को लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर धावा बोल दिए |
बक्सर। बिहार के बक्सर जनपद में थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किसानों का प्रदर्शन उग्र हो चला है । बुधवार की सुबह ग्रामीण लाठी डंडे को लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर धावा बोल दिए। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गयी। प्लांट के गेट पर भी आगजनी हुयीई।
ग्रामीणों की भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग करके की कोशिश की। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी हो रही है। चार पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। ग्रामीण हटने के लिए तैयार नहीं हैं। जबकि भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
किसानों ने प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगाया
बता दें कि किसान 85 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने मंगलवार को प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगाते हुए धरने पर बैठ गए। उस समय पुलिस ने कुछ नहीं किया, लेकिन बीती रात को पुलि पहुंचीऔर बनारपुर गांव में घुसकर मारपीट की। चार लोगों को गिरफ्तार कर ले गयी।
ग्रामीणों का आरोप है कि उग्र प्रदर्शन की रात कोअंधेरे में किसानों को पीटा गया यहां तक कि पुलिस ने महिला-बच्चों को भी नहीं छोड़ा। इसलिए ग्रामीण भड़क गए। वहां मौजूद एक शख्स ने पुलिस के इस करतूत का वीडियो बना लिया। पुलिस की ज्यादती के विरोध में आज बुधवार सुबह लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर प्लांट पर पहुंच गए और वहां मौजूद पुलिस व अन्य लोगों पर धावा बोल दिए।
जनपद के मुफस्सिल थाने के चौसा में बनारपुर गांव के पास थर्मल पावर प्लांट निर्माण हो रहा है। किसानों की जमीन अधिग्रहण का शुरू है, इसके विरोध में ग्रामीण धरन प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि मंगलवार की रात 11:30 बजे गांव में पुलिस पहुंची। घर में सो रहे किसानों के दरवाजे को जोर-जोर से पीटने लगी।
कुछ किसानों ने तो अपना दरवाजे को नहीं खोला, लेकिन जिन किसानों ने अपना दरवाजा खोल दिया, उन पर पुलिस हमलावर हो गयी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान महिलाओं और बच्चों को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा, की भी पिटायपितायी कर दी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस नरेंद्र तिवारी के साथ चार लोगों को पकड़ करके ले गई है।
बिहार को बिजली का होगा 85% हिस्सा
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मार्च 2019 को 1320 मेगावाट के इस प्लांट की आधारशिला रखी थी। ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 11,000 करोड़ रुपए है। इस प्लांट को केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) बनाने का काम कर रही है। प्लांट का अभी तक 75% काम पूरा हो गया है। इस प्लांट से 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जायेगा । करार के अनुसार संयंत्र से उत्पादित बिजली बिहार को 85% हिस्सा मिलेगा।
137.0077 एकड़ भूमि में अधिग्रहण करने की कार्रवाई
जिला भू-अर्जन कार्यालय के मुताबिक चौसा इलाके के चौदह गांवों के मौजे के 137.0077 एकड़ जमीन पर रेल कॉरिडोर बनना है। इसके लिए 55.445 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जानी है। इसमें बनारपुर, सलारपुर, महुवारी, हुसैनपुर, कठघरवा, खेमराजपुर, चौसा, न्यायीपुर, धर्मागतपुर, महादेवा, माधोपुर, अखौरीपुर गोला, बघेलवा, बेचनपुरवा और मोहनपुरवा मौजे के तहत कुल 309 किसानों की भूमि की अधिसूचना निकाली गई है।
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