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राष्ट्रीय राजमार्ग NH-327E का पुनर्निर्माण होगा , बाईपास और फ्लाईओवर बनाए जाएँगे, चार शहरों में यातायात की कम होगी भीड़भाड़

परसरमा से अररिया तक 102 किलोमीटर लंबे हिस्से पर ₹1,547 करोड़ की लागत से बाईपास, फ्लाईओवर और पुल बनाए जाएँगे।
 
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-327E का पुनर्निर्माण होगा

पटना /बिहार न्यूज़ प्रिंट :  परसरमा से अररिया तक 102 किलोमीटर लंबे हिस्से पर ₹1,547 करोड़ की लागत से बाईपास, फ्लाईओवर और पुल बनाए जाएँगे। इससे सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज और परसरमा जैसे शहरों में यातायात की भीड़भाड़ कम होगी और कोसी क्षेत्र के विकास में तेज़ी आएगी।

केंद्र सरकार ने बिहार के सड़क बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग 327E (NH-327E) के आधुनिकीकरण को मंज़ूरी दे दी है। ₹1,547.55 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

 परसरमा से अररिया तक 102.193 किलोमीटर लंबे हिस्से का दो लेन वाली सड़क के रूप में पुनर्निर्माण किया जाएगा। पूरा होने पर, यह परियोजना न केवल क्षेत्र में यातायात प्रवाह को सुगम बनाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।

एनएचएआई को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) के तहत पूरा करेगा। जल्द ही बोलियाँ आमंत्रित की जाएँगी। सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद, निर्माण शुरू होने के 24 महीनों के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण कंपनी अगले 15 वर्षों तक सड़क का रखरखाव भी करेगी, जिससे इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

क्या बनाया जाएगा?
यह परियोजना केवल सड़कों तक ही सीमित नहीं है; इसमें कई महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण भी शामिल है।
चार बाईपास - परसरमा, सुपौल, पिपरा और त्रिवेणीगंज
एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी)
दो पुलिया
छह मुख्य पुल और 41 छोटे पुल
75 बॉक्स/स्लैब पुलिया और 86 ट्यूब पुलिया
एक वाहन अंडरपास (वीयूपी) और एक लघु वाहन अंडरपास (एसवीयूपी)
ये संरचनाएँ न केवल यातायात प्रवाह को सुगम बनाएँगी, बल्कि सड़क सुरक्षा और जल निकासी में भी उल्लेखनीय सुधार लाएँगी।

ट्रैफ़िक जाम से राहत
सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज और परसरमा जैसे घनी आबादी वाले शहरों में अक्सर भारी वाहनों का ट्रैफ़िक जाम लगा रहता है, जिससे लोग घंटों फंसे रहते हैं। बाईपास और पुलिया के निर्माण से इन शहरों में भीड़भाड़ काफी कम हो जाएगी। दुर्घटनाएँ कम होंगी और यात्रियों का समय बचेगा।

कोसी क्षेत्र के विकास के लिए एक नया मार्ग
इस राजमार्ग के आधुनिकीकरण से कोसी क्षेत्र को एक नया बढ़ावा मिलेगा, जो हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है। बेहतर सड़क संपर्क से किसानों के लिए कृषि उत्पादों को बाज़ारों तक पहुँचाना आसान हो जाएगा। छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। 

यह परियोजना पूर्वोत्तर बिहार के सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगी। व्यावसायिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुगम होगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।


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