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Inside Story : जदयू की एकला चलो नीति, इंडिया गठबंधन और महागठबंधन की एकता से क्या हो गए फ्री !

JDU Politics: जदयू की एकला चलो रैली की शुरुआत भीम संसद से हुई जब पार्टी ने वेटनरी कॉलेज में रैली आयोजित की थी, उसकी सफलता के बाद जगह - जगह रैली करने को उत्साहित हो गयी | 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)



मुख्य बातें:-

भारत के साथ गठबंधन में होने के बावजूद व्यक्तिगत जेडीयू रैलियां करती है
एक महीने में यूपी, झारखंड और पटना में तीन रैलियां
एकला चलो की राह पर क्यों चल रही है नीतीश की जेडीयू?

पटना | लोकसभा चुनाव की हलचल शुरू हो गई है और सभी पार्टियां इसकी तैयारी में जुट गई हैं। जेडीयू भी तैयारियों में जुटी है. वह एक के बाद एक रैलियां आयोजित कर अपनी पार्टी को मजबूत कर रही हैं, लेकिन जेडीयू की इस रैली की सियासत ने बिहार के सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है. सवाल यह उठता है कि जेडीयू अकेले रैली क्यों कर रही है?

आपको बता दें कि जेडीयू की एकला चलो रैली की शुरुआत भीम संसद से हुई जब पार्टी ने दलित वोटरों को लुभाने के लिए वेटनरी कॉलेज में एक बड़ी रैली की. 24 नवंबर को आयोजित रैली में उमड़ी भीड़ ने जदयू का हौसला बढ़ाया. माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन के बहाने जेडीयू ने अपने सहयोगी दलों को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है| 

इस रैली के बाद जेडीयू ने और भी रैलियां करने का ऐलान किया था, लेकिन जेडीयू ये रैली अकेले ही कर रही है. भीम संसद के बाद जेडीयू ने बनारस में रैली करने का ऐलान किया था, लेकिन फिलहाल जगह की कमी के चलते इसे नए साल में आयोजित करने का ऐलान किया गया. वहीं, नए साल 2024 में ही जेडीयू 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ में रैली करेगी और उसके बाद 24 जनवरी को पटना के वेटरनरी ग्राउंड में भी रैली करेगी, लेकिन जेडीयू ये सारी रैलियां अकेले ही कर रही है | 

जेडीयू-आरजेडी एक साथ या अलग
जेडीयू नेता और वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि सभी पार्टियां अपना जनाधार बढ़ाना चाहती हैं और जेडीयू भी यही कर रही है, लेकिन इसमें राजनीति क्यों ढूंढी जा रही है? अगर जेडीयू की रैली होती है और रैली सफल होती है तो इसका फायदा सिर्फ महागठबंधन और ऑल इंडिया अलायंस को होगा | ऐसा नहीं है कि अगर भविष्य में कोई प्रदर्शन हुआ तो जेडीयू अपने सहयोगियों को स्वीकार नहीं करेगी. वहीं, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि हर पार्टी अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है, अगर जदयू भी यही कर रहा है तो इसमें नया क्या है? अगर हमारा कोई सहयोगी प्रदर्शन करता है तो उससे हमारे गठबंधन को फायदा होगा, इसमें कोई राजनीति ढूंढने की जरूरत नहीं है | '

राजद के रुख पर जदयू की रिएक्शन 
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि जेडीयू के अकेले रैली करने की एक वजह है और ये वजह भी साफ है क्योंकि जेडीयू इस बार जब राजद के साथ आई तो कुछ महीनों बाद ही वह असहज महसूस करने लगी थी |  ऐसे कई मौके आए हैं जब नीतीश कुमार राजद नेताओं के बयानों से नाराज हो गए और आज भी राजद एमएलसी लगातार इशारों-इशारों में नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं, जिससे जदयू असहज हो गई है और बयानबाजी भी तेज हो गई है | 

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